शनिवार, 27 नवंबर 2010

स्व.श्री जयचन्दलाल गोलछा "सहन"--- एक परिचय

सिरसा (हरियाणा) निवासी स्व.श्री जयचन्दलाल गोलछा "सहन" एक उच्च्कोटि के कला पारखी व साहित्यकार थे ! उनपर लछमी जी व सरस्वती जी दोनो की कृपा द्रष्टि थी! अपने पिता श्री द्वारा स्थापित व्यापार-व्यवसाय के एकमात्र वारिस होने के बावजूद उनकी विशेष रूचि हस्तशिल्प, संगीत व साहित्य में रही ! उनके प्रकाशित साहित्य में प्रमुख कृतियां हैं- जीवन झलक,स्वध्याय के पंखों पर,प्रशन पल्लव,परिक्रमा, स्वाति बिंदू, व आशा और परिभाषा ! सौभाग्य से वे मेरे समधी थे (मेरी बडी. लड.की मंजू के ससुर जी)! मैने भी उनसे बहुत कुछ जाना-सीखा ! वे जैन तेरापंथ धर्मसंघ के प्रमुख श्रावक व दिवगन्त आचार्य तुलछी जी के परम भक्त थे ! उनकी स्म्रति को नमन करते हुए मैं उनके सुपुत्र (मेरे दामाद) श्री अशोक गोलछा द्वारा मुझे प्राप्त उनकी कुछ अप्रकाशित रचनाएं मैं इस ब्लाग के माध्यम से अपने साहित्यिक मित्रो एवं स्वजनो में सांझा करने का प्रयास करूंगा ! आशा करता हूं आप इन्हे पसन्द करेंगे !

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